भारत में क्रिकेट को लेकर लोगों में कुछ अलग ही तरह की दिवानगी देखने को मिलती है हालांकि क्रिकेट खेल का अविष्कार ना तो भारत में हुआ है और ना ही यह हमारा राष्ट्रीय खेल है। सबसे पहले बेट बॉल का ये खेल ब्रिटेन में खेला जाता था और जिन जिन देशों को ब्रिटेन नें अपना औपनिवेश बनाया वहां वहां अपनी संस्क्रति के साथ अपने खेल को भी लोगों पर थोपा। इसीलिए आज विश्व के लगभग सभी देशों में क्रिकेट के लिए कुछ अलग ही तरह जुनून देखा जाता है। जिसको बरक़रार रखने के लिए समय समय पर क्रिकेट के प्रारूपों में कई बदलाव किए गए हैं। आज के परिपेक्ष में देखा जाए तो आज क्रिकेट का टी20 फोरमेट सबसे ज़्यादा लोकप्रिय बना हुआ हैं। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए ऑनलाईन गेमिंग एप्स ने भी अपने पैर फ़ैलाने शुर कर दिए हैं।
‘ये मैं कर लेता हूं, आप तब तक टीम बनाइए… सेकेंड प्राइज़ एक करोड़ तो फर्स्ट प्राइज़ क्या होगा?…’ ऐसे तमाम विज्ञापन आप हर दूसरे मिनट में टीवी, यूट्युब या फिर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखते ही रहते होगें। इनके ज़रिए लोगों को ऑनलाइन टीम बनाकर पलक झपकते ही करोड़पति बनने का सपना दिखाया जाता है फेंटेसी ऐप्स का बिज़नेस कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा इस बात से लागाया जा सकता है कि इन ऐप्स के विज्ञापन में बॉलीवुड से लेकर खेल जगत के वो तमाम सितारे शामिल हैं, जिनकी फीस करोड़ों में होती है।
ऑनलाइन गेमिंग का ख़ुमार सिर्फ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं रहा है इसने अन्य खेल तीन पत्ती, लूडो और ऐसे ही बाक़ी दूसरे गेम्स भी इस लिस्ट में भी शामिल हैं। जिन पर अपनी टीम बना कर या फ़िर ऑनलाइन गेम खेलकर लोगों को लाखों करोड़ों कमानें का सपना दिखाया जा रहा हैं।ऑनलाइन गेमिंग एप और IPL दोनों की जोड़ी जैसा शोले फिल्म के जय वीरू की जोड़ी जैसी ही कही जा सकती है। IPL के शुरू होते ही फेंटेसी एप्स का व्यापार बुलंदी पर होता है। आज कल भी IPL का ही दौर चल रहा है और इनके तारे आसमान छु रहें हैं। चलिए अब आपको ये बताते हैं कि कैसे सिर्फ एक ही मैच में करोड़ों-अरबों रूपये का खेल खेला जाता है। एक बड़े फेंटेसी क्रिकेट ऐप में अलग-अलग कई तरह के कॉन्टेस्ट रखे जाते हैं जिनमें सबसे बड़ा प्राइज 1-2 करोड़ रुपये तक का निर्धारित किया जाता है, यानी अगर इसमें किसी की पहली रैंक आती है तो उसे दो करोड़ रूपये देने का दावा किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ इस बात पर भी पूरा ध्यान दिया गया हैं कि हर किसी को तो दो करोड़ रूपये का प्राइज़ तो नहीं जीत सकता तो लोगों को एप्प से जोड़े रखने के लिए कॉन्टेस्ट में इसके बाद कुछ और इनाम भी दी जाने का दावा किया जाता हैं दरअसल 2 करोड़ के बाद 1 करोड़, 22 लाख, 15 लाख, 8 लाख, 4 लाख और 1 लाख से लेकर 10 हज़ार रूपये तक के कॉन्टेस्ट भी आपको एक ही ऐप में एक ही साथ खेलने के लिए मिल जाते हैं। ऐसे करीब 30 से ज़्यादा कॉन्टेस्ट एक ही ऐप में होते हैं। जो जितने महंगे कॉन्टेस्ट में खेलता, उतने ही कम उसमें लोग होंगे. और जीतने के चांस भी उतने ही ज़्यादा। कुछ तो ऐसे भी कॉन्टेस्ट हैं, जिसमें सिर्फ दो ही लोग खेलते हैं। जिसकी टीम अच्छा खेलेगी, वो जीतेगा। इन एप्स पर आपको अपनी टीम बनाने केवल 49 रुपये देकर रजिस्ट्रेशन करना पड़ता हैं और अब बनाए अपनी पसंद की टीम और लगाएं पैसा अपनी बनाई टीम पर। आज 49 रूपये में इस तरह की फेंटेसी एप्स पर लगभग डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग खेल सकते हैं। वहीं इन फेंटेसी ऐप्स दावा करती हैं कि इस कॉन्टेस्ट में 66 फीसदी लोगों को जीत के बाद भी पैसा मिल जाएगा। साथ ही आपके विनिंग प्राइज पर सरकार को टैक्स भी देना पड़गा।
ऑनलाइन गेम्स और सट्टे का ये काला बाज़ार पिछले कई सालों से काफी तेज़ी से चल रहा है, हालांकि भारत में किसी भी तरह का सट्टा पूरी तरह से ग़ैर क़ानूनी है लेकिन ऑनलाइन सट्टे को लेकर देश के मौजूदा क़ानून में कई तरह के व विरोधाभास नज़र आते हैं जिनका फायदा उठाकर ये ऑनलाइन गेमिंग और फेंटेसी ऐप्स फल-फूल रहे हैं. पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1867 के मुताबिक़ सट्टेबाज़ी एक अपराध है। हालांकि ऑनलाइन गेमिंग को लेकर कोई भी स्पष्ट क़ानून नहीं है लेकिन अब सरकार ने जुए के इस एडवांस वर्जन को लेकर कुछ कठोर क़दम उठाने की बात सोची है। दरअसल सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर हाल ही में एक एडवाइज़री जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (SRO) की तरफ से इन ऑनलाइन गेम्स की जांच की जाएगी. जांच के बाद जो भी ऑनलाइन गेम नियमों का पालन करेगा, उसी को जारी रखा जा सकता है बाक़ी सभी गेम्स पर सरकार की गाज गिर सकती है।