अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के आसमान छूती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए अगले महीने ब्याज दरों में तेज़ बढ़ोतरी करने की संभावना से हताश निवेशकों की बिकवाली से वैश्विक बाज़ार में आई गिरावट के दबाव में आज घरेलू शेयर बाज़ार लगातार दूसरे दिन गिरकर बंद हुआ और सेंसेक्स 60 हजार अंक से नीचे उतर गया।बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 566.09 अंक लुढ़ककर 60 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 59610.41 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 149.75 अंक गिरकर 17807.65 अंक पर आ गया। हालांकि दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटी और मझौली कंपनियों में हुई लिवाली से बाज़ार का समर्थन मिला। इस दौरान बीएसई का मिडकैप 0.41 प्रतिशत चढ़कर 25,175.79 अंक और स्मॉलकैप 0.38 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 29,695.94 अंक पर रहा।इस दौरान बीएसई के 10 समूह लाल निशान जबकि शेष नौ समूह के शेयर हरे निशान पर रहे। हेल्थकेयर 0.44, आईटी 1.40, ऑटो 0.33, बैंकिंग 1.04, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 0.04, रियल्टी 0.28 और टेक समूह के शेयर 1.22 प्रतिशत टूटे। वहीं, यूटिलिटीज समूह सबसे अधिक 1.91 प्रतिशत की तेज़ी पर रहा।अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिज़र्व की गवर्नर लेल ब्रेनार्ड ने कहा कि उन्हें इस साल के अंत में अमेरिकी मौद्रिक नीति को ‘अधिक तटस्थ स्थिति’ में ले जाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि करने की उम्मीद है। इससे हताश निवेशकों की बिकवाली से वैश्विक बाज़ार में गिरावट आई। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.44, जर्मनी का डैक्स 1.30, जापान का निक्केई 1.58 और हांगकांग का हैंगसैंग 1.87 प्रतिशत उतर गया। हालांकि चीन का शंघाई कंपोजिट 0.02 की मामूली बढ़त बनाने में कामयाब रहा।