देश की सबसे बड़ी मस्जिद कही जाने वाली पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में अब लड़कियों के अकेले प्रवेश पर पाबंदी है। जामा मस्जिद ने आदेश जारी किया है और मस्जिद के गेट पर ही नोटिस लगाया है, जिसमें साफ लिखा है कि जामा मस्जिद में लड़कियों का अकेले दाखिल होना मना है।

बता दें कि जामा मस्जिद के इस आदेश को कट्टरवादी मानसिकता बताकर आलोचना हो रही है। इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शहनाज़ अफज़ल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रवक्ता शाहिद सईद ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां हर किसी को बराबरी का अधिकार मिला हुआ है। उसमें इस तरह का फैसला संविधान को ताक पर रखने जैसा है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का फैसला किसी भी सूरत में मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इबादत की जगह हर किसी के लिए खुली होनी चाहिए।

क्या है वजह:

जामा मस्जिद के प्रवक्ता सबीउल्लाह ने विवाद बढ़ने पर मस्जिद प्रशासन के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद में कई सारे कपल ऐसे आ जाते हैं, जिनका व्यवहार धर्म के अनुसार नहीं होता है। कुछ लड़कियां तो वीडियो बनाने आ जाती हैं ताकि सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकें। यह लड़कियां नमाज़ स्थल तक भी आ जाती हैं। इससे नमाज़ियों को परेशानी आती है। ऐसे में फैसला लिया गया कि मस्जिद के अंदर लड़की या लड़कियों के अकेले प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।

वहाँ के रहने वालों का कहना है की धार्मिक स्थल पर सबको अपनी मर्यादा में रहना चाहिए और उस जगह का सम्मान करना चाहिए, लेकिन नौजवान लड़के लड़कियाँ यहाँ आकर नाच गाना करते है जो एक क़ौम के जज़्बात को ठेस पोहचाती है।

बता दें कि दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद मुग़लों के ज़माने की है इसकी गिनती दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में होती है। यह दिल्ली का प्रमुख धार्मिक स्थल में से एक होने के साथ-साथ देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है। रमज़ान के दिनों में यहां इफ्तार के वक़्त रौनक़ देखते ही बनती है, जहां बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा होकर नमाज़ अदा करते है।

 

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