केंद्रीय सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बिहार में युवकों ने कई जगह आगज़नी और पत्थरबाज़ी भी की है.ऐसा ही हाल हरियाणा के भी कई हिस्सों में देखने को मिला जिसके बाद पलवल में प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है.

बलिया में प्रदर्शनकारी युवाओं ने ‘भारत माता की जय’ और ‘अग्निपथ वापस लो’ जैसे नारे लगाते हुए एक खाली ट्रेन में आग लगा दी और कुछ अन्य ट्रेनों में तोड़फोड़ की। इसके बाद पुलिस को उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा।

सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़ करने और ट्रेन में आग लगाने की भी खबर आयी है।

सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के कारण अब तक 200 से अधिक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। रेलवे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

रेलवे ने कहा कि बुधवार को प्रदर्शन शुरू होने के बाद से 35 ट्रेन रद्द कर दी गयीं जबकि 13 ट्रेनों की सेवा पहले ही समाप्त कर दी गई।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने युवाओं से रेलवे संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं युवाओं से हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने और रेलवे की संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील करता हूं।’’

प्रदर्शन का सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मध्य रेलवे पर पड़ा है जिसके अंतर्गत बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से आते हैं।

क्या है ‘अग्निपथ योजना’

भारतीय सेना के तीनों प्रमुखों ने सेना में छोटी अवधि की नियुक्तियों को लेकर ‘अग्निपथ’ नीति की घोषणा की गई है. इस योजना के तहत भर्ती होने की उम्र 17 साल से 21 साल के बीच होनी चाहिए. शैक्षणिक योग्यता 10वीं या 12वीं पास होनी चाहिए. ये नौकरी सिर्फ 4 साल के लिए होगी. 4 साल बाद सेवाकाल में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन होगा और 25 प्रतिशत लोगों को नियमित किया जाएगा.

पहले साल की सैलरी प्रति महीने 30 हजार होगी और चौथे साल में 40 हजार रुपये प्रति महीना मिलेंगे. अग्निपथ योजना के तहत 90 दिनों के अंदर करीब 40 हजार युवकों का चयन किया जाएगा जिसके बाद 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी.

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