पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने इन राज्यों में रैलियों और सार्वजनिक सभाओं पर लगे प्रतिबंध को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया है।
चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राजनीतिक दलों को इस अवधि तक को केवल वर्चुअल रैली करने की इजाज़त दी गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और चुनावी राज्यों के मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों और इन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आभासी माध्यम से बैठक की। बैठक में रैलियों ,सार्वजनिक सभाओं, पदयात्रा और रोड शो पर प्रतिबंध जारी रखा जाए या खत्म कर दिया जाए इस पर चर्चा की गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों ने सर्वसम्मति से चुनाव आयोग को बताया की कोरोना संक्रमण की गति अभी कम नहीं हुई है। चर्चा में यह बात उभर कर आयी कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की तीव्रता डेल्टा की तरह घातक नहीं है, लेकिन अभी कोई छूट देना सही नहीं होगा। मौजूदा हालात की समीक्षा के बाद रैलियों पर प्रतिबंध को कम से कम अगले सप्ताह तक बढ़ाने पर सहमति बनी ।
आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता के 50 फीसदी के साथ ‘इनडोर’ बैठकें करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों , राज्य और ज़िला प्रशासन को आदर्श आचार संहिता मॉडल के प्रावधानों और कोविड के व्यापक दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त आयोग ने महामारी को देखते हुए 15 जनवरी तक रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी थी।

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