उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में प्रधानमंत्री (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दी गई ‘क्लीन चिट’ को शुक्रवार को सही ठहराया।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने क्लीन चिट बरकरार रखने का फैसला फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति खानविलकर की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ दंगे में गुलबर्ग सोसायटी में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी की उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें एसआईटी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी गई थी।

शीर्ष अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद दिसंबर 2021 को सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ज़किया जाफरी ने गुजरात उच्च न्यायालय के 2017 के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें एसआईटी की क्लोज़र रिपोर्ट को संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकार करने के फैसले पर मुहर लगाई गई थी।

उच्च न्यायालय ने भी तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को क्लीन चिट को चुनौती देने वाली ज़किया की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

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