उच्चतम न्यायालय ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच की खातिर उसके द्वारा नियुक्त तकनीकी और supervising समितियों के लिए रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा शुक्रवार को बढ़ा दी।शीर्ष अदालत ने कहा कि इज़राइली स्पाईवेयर को लेकर 29 ‘प्रभावित’ मोबाइल फोन की जांच की जा रही है और यह प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी कर ली जानी चाहिए।भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति स्पाइवेयर के लिए प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं।पीठ ने कहा कि ‘प्रभावित उपकरणों’ की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।उसने कहा कि तकनीकी समिति की जांच मई के अंत तक पूरी की जा सकती है और फिर पर्यवेक्षी न्यायाधीश पीठ के विचार के लिए एक रिपोर्ट तैयार करेंगे।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, “तकनीकी समिति द्वारा प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी कर पर्यवेक्षी न्यायाधीश को सूचित किया जाना चाहिए। इसके बाद पर्यवेक्षी न्यायाधीश अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। मामले को जुलाई में सूचीबद्ध करें।”शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2021 में इज़रायली स्पाइवेयर के कथित उपयोग की जांच के आदेश दिए थे।एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि पेगासस स्पाइवेयर के ज़रिये कथित निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर शामिल थे।

क्या है पेगासस:

Pegasus एक जासूसी सॉफ्टवेयर का नाम है. जासूसी सॉफ्टवेयर होने की वजह से इसे स्पाईवेयर भी कहा जाता है. इसे इजरायली सॉफ्टवेयर कंपनी NSO Group ने बनाया है. इसके जरिए ग्लोबली 50,000 से ज्यादा फोन को टारगेट किया जा चुका है. इसमें 300 भारतीय भी हैं. 

ये सॉफ्टवेयर किसी फोन में सिर्फ मिस कॉल के ज़रिए इंस्टॉल किया जा सकता है। इसे यूज़र की इजाज़त और जानकारी के बिना भी फोन में डाला जा सकता है। एक बार फोन में पहुंच जाने के बाद इसे हटाना आसान नहीं होता। ये एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन फ़ोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफ़ोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मैसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है। पेगासस सॉफ्टवेयर को जासूसी के क्षेत्र में अचूक माना जाता है। तकनीक जानकारों का दावा है कि इससे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एप भी सुरक्षित नहीं। क्योंकि यह फोन में मौजूद एंड टू एंड एंक्रिप्टेड चैट को भी पढ़ सकता है। इसका दूसरा नाम क्यू-सुईट भी है।

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