जे एन यू के प्रो. मज़हर आसिफ़ पर दलित महिला के उत्पीड़न का आरोप, जामिया मिल्लिया इस्लामिया का वीसी बनाए जाने पर लोगों में आक्रोश।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: एस टी ओर एस सी समुदाय के साथ लगातार उत्पीड़न और दुर्व्यवहार हो रहा है। ऐसा ही एक मामला 2019-2020 के दौरान LLC JNU और Associate Dean के रूप में कार्यरत रहते हुए मज़हर आसिफ़ ने रीना जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं, के करियर को तबाह करने की हर संभव कोशिश की। जातिवाद और सत्ता के दुरुपयोग का एक भयावह मामला रोशनी में आने से कई सवाल खड़े कर रहा है, जो न केवल SC/ST समुदाय के अधिकारों पर हमला करता है, बल्कि हमारे शिक्षा तंत्र की नींव को भी हिला देता है.
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय में अधिकारिक तौर पर की गई शिकायत की संलग्न प्रतिलिपि के अनुसार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मज़हर आसिफ़ पर अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय की महिला कर्मचारी रीना के साथ जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप है। एक उच्च शिक्षण संस्थान के वरिष्ठ पद पर रहते हुए आसिफ़ ने अपने पद और शक्ति का न केवल दुरुपयोग किया, बल्कि SC/ST समुदाय की गरिमा और अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया.अब सवाल ये पैदा होता है किया क्या ऐसे जातिवादी अपराधी को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति बनाकर हजारों छात्रों और कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाएगा? क्योंकि प्रोफेसर मजहर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया का वीसी बनाने की बात आ रही है, जो कि कई तरह के सवाल खड़े करती है।