Authored by Rajni Bhagwat

आपकी ज्योतिष के बारे में रुचि कब आई?

अभी से 12 साल पहले हमारे पंडित जी थे। उनके साथ मैं क्रियाकर्म, शादी-ब्याह के कार्यक्रम, अंतिमसंस्कार ये सब सिखाते थे। तो वहीं से उन्होंने मुझे ज्योतिष विद्या सिखानी शुरू की। उसके बाद मैंने ज्योतिष विद्या सीखी जो कि tough subject है जिसको जितना पढ़ो उतना कम है।

आपकी ज्योतिष में साधना कैसे शुरू की? साधना के दौरान आपके गुरु कौन थे?

पहले तो ज्योतिष और साधना दोनों अलग-अलग ज्ञान हैं।

ज्योतिष एक सब्जेक्ट है जबकि साधना एक तपस्या है, ज्योतिष में साधना नहीं होती। बचपन से ही अपने घर के माहौल को देखकर साधना में रुचि उत्पन्न हुई। मैंने पूजा-पाठ करना शुरू की। मेरी पूजा बढ़ते-बढ़ते साधना में बदल गई। साधनाएं 11 दिन, 21 दिन की और फिर सावन मास की होने लगी। धीरे-धीरे मैं साधना में ज्यादा एक्टिव हो गया और ज्योतिष में डीएक्टिवेट हो गया।

आप किस प्रकार की ज्योतिष विधि का उपयोग करते हैं?

मैं वैदिक ज्योतिष विधि का उपयोग करता हूँ।

आपकी साधना का उद्देश्य क्या है?

मेरी साधना का उद्देश्य सबसे पहले बहुत सारी जानकारी इकट्ठा करना है, जिससे मैं लोक कल्याण के भाव से आगे बढ़ सकूँ। इस कार्य में मुझे आत्मिक शांति और आनंद भी मिलता है।

आप किसी व्यक्ति की कुंडली कैसे पढ़ते हैं? और आप जन्म कुंडली के माध्यम से भविष्य में क्या देख सकते हैं?

सबसे पहले व्यक्ति की कुंडली में लग्न देखा जाता है —

जिस समय वह पैदा होता है। उसमें ग्रह का ब्लूप्रिंट क्या था। लग्न के बाद पंचांग देखा जाता है और फिर कौन से गण का है उसका लग्न पति कौन है उसके हिसाब से उसका स्वभाव कैसा होगा कुछ ग्रह उच्च और कुछ नीच होते हैं कुछ बाधक और कुछ प्रबल मार्ग होते हैं इन ग्रहों को देखकर पता करते हैं कि भविष्य में इसके साथ क्या हो सकता है।

आप एक साधक ज्योतिषी के रूप में क्या करते हैं?आपकी ज्योतिषी सेवाएं कैसे और साधक, ज्योतिषीयों से अलग है?

मैं साधना स्वयं करता हूँ और दूसरों से भी करवाता हूँ।

प्रारब्ध साधना से मैंने शुरुआत की थी बहुत सारे लोगों ने मुझसे हनुमान साधना शिव साधना सीखी है। मैं शुरू से ही लोगों को साधनाएं करा रहा हूं, फिर लोगों ने मुझे सोशल मीडिया पर आने के लिए बोला। साधना और ज्योतिषीयों से कैसे अलग है।

उदाहरण – अगर किसी एक लड़की की कुंडली का चार्ट देखा तो उसमें गुरु ग्रह अच्छा निकला पर मेरे साधनाओं के बल पर मैं जो सिद्धियां प्राप्त की है जिससे मैं व्यक्ति की एनर्जी को भी पहचान लूंगा लेकिन इस लड़की के कुछ ऐसे कृत्य है जो कि शास्त्रों के अधीन नहीं है उसे लड़की के मल्टीपल फिजिकल रिलेशनशिप रहे हो तो जब कोई इन चीजों में रहेगा तो चाहे गुरु कितना भी अच्छा हो गुरु अपना अच्छा फल नहीं दे पाएगा।

तो जब आपके कर्म अच्छे नहीं होंगे तो आपकी अच्छी चीज़े भी आपको सपोर्ट करना बंद कर देंगी। अब यह सब चीज़ पकड़ना एक एस्ट्रोलॉजर की बस की बात नहीं यहां पर साधना का बहुत बड़ा हाथ रहता है। यह चीज़ ही मुझे और एस्ट्रोलॉजर से अलग करती कर देती है। भविष्य हम प्रिडिक्ट कर सकते हैं एक्यूरेट नहीं कर सकते हैं। मैं क्या इवन कोई भी नहीं कर सकता।

आपने किसी व्यक्ति को ज्योतिष के ज़रिए उसकी समस्याओं से कैसे निजात दिलाई है और कहाँ तक?

ज्योतिष के जरिए मेरे संपर्क में जितने भी लोग आए हैं 90% लोग अगर मेरी बात को अमल कर लेते हैं तो 90% लोगों का फायदा हो जाता है 10% ऐसे लोग हैं जिनका मूड नहीं होता है और जो समझना नहीं चाहते हैं वह जज करने लग जाते हैं बहुत सारे लोग ऐसे आते हैं जो मांगलिक दोष के लिए पूछते हैं, मंगल जो होता है वह ऊर्जा का स्रोत है। अगर किसी का मंगल तत्व ज्यादा है तो वह किसी भी काम को एग्रेसिवली करेगा यह यह अग्रिवनेस जरूरी है। कोई कपल मांगलिक है उदाहरण के लिए,

अगर किसी लड़की की कुंडली में मंगल दोष है और वह घर पर ही बैठी रहती है, तो मंगल की ऊर्जा उसके भीतर घुटती रहती है, जिससे रिश्तों में खटास आती है।

ऐसी स्थिति में मैं उसे सुझाव देता हूँ कि बाहर जाकर job करे, business करे, जिससे उसकी ऊर्जा सही दिशा में लगे।

यदि वह मंगल की ऊर्जा को सही जगह invest नहीं करेगी, तो पति-पत्नी के बीच में दूरी या तलाक जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। जब वह मंगल की पावर को कहीं और इन्वेस्ट करना शुरू कर देगी तो मंगल की पावर एक्सेस होगी ही नहीं तो उन दोनों कपल्स की बनी रहेगी।

शुभकामनाएं

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