लोकसभा चुनाव के चलते इस साल मार्च में खुदरा महंगाई दर 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) की ओर से 5 अप्रैल को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) मार्च में घटकर 4.85 फीसदी पर आई। इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.09 फीसदी थी। खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से ऐसा हुआ है।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान लगाया था। आने वाले महीनों में खुदरा महंगाई दर और कम हो सकती है।

केंद्रीय बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 7% अनुमानित की है। कई प्रतिभागियों का मानना है कि आरबीआई देश की वृद्धि और मुद्रास्फीति को संतुलित करने के लिए सही रास्ते पर है, लेकिन यदि कीमतों पर दबाव जारी रहता है तो शेयर बाजार को निकट-से-मध्य अवधि में इसका प्रभाव झेलना पड़ सकता है।

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 5.09% की तुलना में मार्च 2024 में घटकर 4.85% हो गई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दरों में बढ़ोतरी को रोकने और बेंचमार्क रेपो दर को 6.50% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। RBI के गवर्नर शंतिकांत दास का कहना है कि मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को विकास की संभावनाओं में बाधा न बनने देने के लिए आवश्यकतानुसार समायोजन वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी और मुद्रास्फीति को लक्ष्य तक लाने के लिए मुद्रास्फीति की उम्मीदों को मजबूती से बनाए रखने के लिए आवश्यकतानुसार तुरंत और उचित कार्रवाई करेगी।

महंगे हुए खाद्य पदार्थ
मार्च में सब्जी, दाल, मसाले, अंडे जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में दहाई अंक में बढ़ोतरी दर्ज की गई. सिर्फ खाद्य तेल और वनस्पति के खुदरा दाम में पिछले साल मार्च की तुलना में 11.72 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

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