मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि अदालत कारणों और कानून के हिसाब से काम करेगी न कि किसी जुनून या भावनाओं के हिसाब से। कोर्ट ने आगे कहा कि जो संविधान कहेगा हम वही करेंगे।
कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट में हिजाब पहन कर स्कूल-कॉलेज में प्रवेश मांगने वाली छात्राओं के वकील और सरकार के एडवोकेट जनरल की ओर से दलीलें रखी गई। इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई को खत्म कर दिया है और बताया है कि मामले पर बुधवार को 2.30 बजे से फिर सुनवाई होगी।
मुस्लिम छात्राओं की ओर से दलील रखते हुए वकील देवदत्त कामत ने कहा कि हिजाब पहनना मुस्लिम संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। कमात ने आगे कहा कि अगर कुछ उपद्रवी इसमें परेशानी खड़ी कर रहे हैं तो राज्य सरकार का कर्तव्य है कि इस छात्राओं को स्कूल सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था करे। वहीं, एडवोकेट जनरल ने कहा कि राज्य में संस्थानों को छात्रों के यूनिफॉर्म पर निर्णय करने की छूट दी गई है। जो भी छात्र-छात्राएं इसमें छूट चाहते हैं, वह कॉलेज डेवलपमेट कमेटी के पास जा सकते हैं।
अब राज्य सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि भगवा गमछा डालने वाले छात्रों को भी कक्षाओं में नहीं बैठने दिया जा रहा है. इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. राज्य में सत्तासीन बीजेपी कॉलेज द्वारा लगाए गए वर्दी संबंधी नियमों का समर्थन कर रही है. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि हिजाब विवाद युवाओं के दिमाग में जहर भरने की साजिश है