केंद्र सरकार ने उड्डयन नियमों में संशोधन करते हुए सिख कर्मचारियों को कृपाण धारण करने की इजाज़त दे दी है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य मानजिंदर सिंह सिरसा ने सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया।


श्री सिरसा ने ट्विटर पर नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के नियमों में किये गये बदलाव की जानकारी देते हुए कहा “ पहले के नियमों के अनुसार सिख कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कृपाण धारण करने की इजाज़त नहीं थी और इन नियमों में अब बदलाव कर दिये गये हैं। ”
सिखों को कृपाण धारण करने से रोकने वाले नियमाें को लेकर सिख नेताओं की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है। नये बदलावों के बाद अब किसी हवाई अड्डे के टर्मिनल, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर काम करने वाले सिख कर्मचारी या अधिकारी को कृपाण धारण करने से नहीं रोका जायेगा।
कुछ दिन पूर्व ही अमृतसर के श्री गुरूरामदास जी हवाईअड्डे पर एक सिख कर्मचारी को कृपाण धारण करने के कारण ड्यूटी करने से रोक दिया गया था। इस घटना के बाद सिख संगठनों ने विरोध किया था । शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस संबंध में पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि कृपाण सिख समुदाय का एक धार्मिक चिंह है जिसके तीखे सिरे की लंबाइ छह इंच से अधिक नहीं होती।
एयर इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में कहा “ कृपाण सिख समुदाय का धार्मिक चिन्ह है और घरेलू उड़ानों और भारत में पंजीकृत एयरक्राफ्ट में सिख को कृपाण ले जाने की इजाज़त भारतीय कानून के तहत दी गयी है। कृपाण का आकार हत्थे और ब्लेड सहित नौ इंच से अधिक नहीं होना चाहिए। आगे कहा गया कि किसी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ान जो अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल सुरक्षा के द्वारा संचालित होगी उसमें एयरक्राफ्ट के केबिन में किसी व्यक्ति या पर्स आदि में कृपाण ले जाने की इजाज़त नहीं है। ऐसे में कृपाण यात्री के सामान में ले जाई जा सकती है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here